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नन्हें-मुन्हें बच्चों व नौनिहालों ने उल्लास, जोश एवं भाईचारे से मनाया “कबिंग डे कैंप“

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सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल में अनुशासन के साथ भाग लेने का दिन हैं कबिंग-डे स्काउट्स के कब्स के लिए कैम्पियन स्कूल में हुआ कबिंग डे कैम्प प्रायमरी सेकशन के पाँचवीं कक्षा के सैकड़ों बच्चों ने लिया हिस्सा भोपाल, 23 नवम्बर 2019। कैम्पियन स्कूल भोपाल में कबिंग डे कैम्प अभूतपूर्व उल्लास, जोश एवं भाईचारे की भावना के साथ  विद्यालय के लोयला सभागार व प्रायमरी सेकशन प्राँगण में आयोजित किया गया। इसमें प्रायमरी सेकशन के कक्षा पाँचवीं के सैकड़ों नन्हें-मुन्हें छात्रों ने बहुत ही जोश एवं उत्साह के साथ भाग लिया। सुबह से शाम तक चलने वाले इस एक दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि श्रीमती भगवती शर्मा ट्रेनर कब्स और श्री वी.के. श्रीवास्तव,  हैडमिस्ट्रेस  सिस्टर लिलि डिसूजा ए.सी., द्वारा स्काऊट ध्वज फहराने के साथ व द्वीप प्रज्जवलित करके की गई। सभी स्काऊट कब्स ने अनुशासित तरीके से पंक्तिबध्द् होकर प्रायमरी के प्रांगण में स्काऊट ध्वज को सलामी दी। मुख्य अतिथि द्वारा सभी स्काऊट कब्स व उनकी टीम का “ग्रैंड होल“ का निरीक्षण किया गया। इसके बाद सभी स्काऊटस् कब्स ने बाल गीत व स्काऊट झंडा गीत भी गाया। विश्व में

*नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने की बाल कहानी लिखा जाना जरूरी*

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*नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने की बाल कहानी लिखा जाना जरूरी* यह विचार डॉक्टर उमाशंकर नगाइच ने बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र द्वारा श्रीमती रागिनी उपलपवार  के बाल कहानी संग्रह हार से मिला हौसला के अवसर पर व्यक्त किए कार्यक्रम में समीक्षक डॉ कुमकुम गुप्ता ने कहा कि इस संग्रह में किताबों को पढ़ने का महत्व तथा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद तथा दादा जी से मिलने गांव जाते रहने की शिक्षाप्रद कहानियां है।दूसरी समीक्षक डॉ विनीता राहुरीकर ने कहा कि हार से मिला हौसला कहानी संग्रह की कहानियां बच्चों में पर्यावरण की रक्षा तथा बच्चों को लाइब्रेरी से पुस्तके लेकर पढ़ने की सीख देती हैं।विशेष अतिथि डॉ मालती बसंत ने कहा कि रागिनी का यह कहानी संग्रह शिक्षाप्रद मनोरंजक तथा सरल भाषा के स्तर पर बाल पाठकों के मन की कृति है।श्रीमती इंदिरा त्रिवेदी (विशेष अतिथि) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल मन को समझ कर कहानियां लिखी जाने पर वे उनके विचारों की कहानियां हो जाती हैं जिन्हें वे रूचिपूर्वक पढ़ते हैं उन्होंने कहानी संग्रह में  चित्रांकन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे बोलते चित्र संग्रह को

शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपाल में राष्ट्रीय अखण्डता की ली शपथ

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शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपाल में कौमी एकता सप्ताह और सार्वजनिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की ताकत को मजबूत करने के लिए और बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय अखण्डता शपथ का आयोजन किया गया । ये सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भी देश में निहित शक्ति और लचीलेपन को उजागर करने में सहायता करता है। राष्ट्रीय एकता समारोह के दौरान भारत की स्वतंत्रता और ईमानदारी को संरक्षण और मजबूत करने की प्रतिज्ञा ली जाती है। प्रतिज्ञा में ये दृढ़ निश्चय किया जाता है कि सभी प्रकार के मतभेदों के साथ ही भाषा, संस्कृति, धर्म, क्षेत्र और राजनीतिक आपत्तियों के विवादों को निपटाने के लिये अहिंसा, शांति और विश्वास को जारी रखा जायेगा। *राष्ट्रीय अखण्डता शपथ* "मैं सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि देश की आजादी तथा अखण्डता बनाए रखने और उसे मजबूत करने के लिए समर्पित होकर कार्य करूँगा/करूँगी। में यह प्रतिज्ञा करता/करती हूं कि कभी हिंसा का सहारा नहीं लूंगा/लूंगी तथा धर्म, भाषा, क्षेत्र से सम्बंधित भेदभाव और झगडो और अन्य राजनीतिक और आर्थिक शिकायतों का निपटारा शांतिपूर्ण तथा संवैधानिक तरीके से करने के लि

मध्यप्रदेश लेखक संघ की प्रादेशिक बाल साहित्य गोष्ठी 24 नवम्बर को 

मध्यप्रदेश लेखक संघ भोपाल की प्रादेशिक साहित्यिक गोष्ठियों की श्रृंखला में आगामी दिनांक 24 नवम्बर 2019 रविवार को अपराह्न दो बजे से हिन्दी भवन भोपाल के नरेश मेहता गोष्ठी कक्ष में प्रादेशिक बाल साहित्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार श्री बटुक चतुर्वेदी के मुख्य आतिथ्य तथा वरिष्ठ बाल साहित्यकार श्री महेश सक्सेना के सारस्वत अातिथ्य में किया जायेगा । इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आमंत्रित रचनाकार डाॅ. अखिलेश वार्चे - खरगोन, श्री वृन्दावन राय सरल - सागर, श्रीमती ज्योत्सना सिंह - ग्वालियर, श्री सियाराम अहिरवार - टीकमगढ़, श्री राजा चौरसिया - उमरिया, श्री अरविन्द शर्मा, डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे, श्रीमती कीर्ति श्रीवास्तव, डाॅ. लता अग्रवाल, श्री अनिल अग्रवाल एवं श्रीमती क्षमा पाण्डेय, भोपाल रचनापाठ करेंगे ।  कैलाश चन्द्र जायसवाल  प्रादेशिक मंत्री

बाल स्वप्न-लोक की सतरंगी दुनिया: ‘ए फाॅर आर्केडिया’

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सेंट पाॅल्स को-एड् स्कूल, आनन्द नगर, भोपाल में वाषिकोत्सव बाल स्वप्नलोक की सतरंगी आभा और मधुवन का-सा मधुर बाल कल्पना का संसार साकार हो उठा सेंट पाॅल्स को-एड् स्कूल, आनन्द नगर, भोपाल के प्रांगण में। अवसर था दिनांक 21 नवंबर को प्राथमिक कक्षाओं के लिए आयोजित वाषिकोत्सव 'ए फाॅर आर्केडिया' का। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री माननीय श्री जीतू पटवारी जी, विशिष्ट अतिथि आदरणीय श्री कुनाल चौधरी जी विधायक कालापीपल और अध्यक्ष रेव्ह. फादर जस्टिन, प्रोवेंशियल सी. एम. आई., सेंट पाॅल प्रोविंस थे। कार्यक्रम का आरंभ प्रार्थना गीत से हुआ। ईश वंदना का मधुर स्वर लहरियों ने सभी को ईश प्रेम के रंग में रंग दिया। माननीय प्राचार्य, फादर जाॅनसन थरनी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अभिव्यक्त किया कि आज के डिजिटल युग में वर्तमान पीढ़ी को जहाँ एक ओर अनेक अवसर प्राप्त हुए, वहीं दूसरी ओर उसके दुष्प्रभाव से उन्हें बचाना, वास्तविक जगत से परिचित कराना एक बहुत बड़ी चुनौती है। आज का कार्यक्रम एवं इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को उनकी क्षमताओं से परिचित कराने का प्रयास है। इसके साथ ही हमार

एलएनसीटी फुटबॉल टीम बनी यूथ चैंपियन

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- रिलायंस यूथ फेडरेशन कप के फाइनल में ओरिएंटल कॉलेज को हराया भोपाल। रिलायंस यूथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित यूथ फेडरेशन कप फुटबॉल में एलएनसीटी ने खिताबी जीत दर्ज की। यूथ फेडरेशन कप में भोपाल की 16 टीमों ने भाग लिया। एनसीसी खेल मैदान पर आयोजित फाइनल में एलएनसीटी ने ओरिएंटल को 2-0 से हराकर खिताब पर कब्जा किया। एलएनसीटी की टीम ने पूरी प्रतियोगिता में 30 गोल किए, जबकि मात्र एक गोल खाया। इस सत्र में एलएनसीटी की यह तीसरी खिताबी जीत है। मैच के 36वें मिनट में एलएनसिटी के फॉरवर्ड वलीद खान ने फ्री किक से गोल कर 1-0 की बढ़त बनाई। 63वें मिनट में कपिल मालवीय ने मैदानी गोल कर निर्णायक बढ़त 2-0 कर टीम को चैंपियन बनाया। इस जीत पर एलएनसीटी को ट्रॉफी और 25 हजार रुपए की नकद राशि भी दी गई। पुरस्कार वितरण आशुतोष गुजराती एलएनसीटी को गोल्डन क्लब का अवार्ड प्रदान किया गया एवं कपिल मालवीय एलएनसीटी को गोल्डन बॉल के अवार्ड से सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण जेपी सिंह हेड कोच फुटबॉल अकादमी, पंकज जैन खेल अधिकारी एलएनसीटी एवं प्रशांत जी ओरिएंटल कॉलेज ने किया। विजेता टीम को डॉ. अनुपम चौकसे सचिव एलएनसीटी ग्रुप, कैलाश श्

अलविदा जब्बार भाई

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भोपाल को शर्मिदा करते भोपाल निवासी ?? 2-3 दिसम्बर की रात विश्व की सबसे बड़ी उद्योगिक त्रासदी भोपाल में हुई, हजारों लोग मारे गए ,कई सालों तक के लिए पीढ़ी प्रभवित हो गई ।उन पीड़ितों के लिए लगातार संघर्ष करते रहे अब्दुल जब्बार साहब । उनकी और उनके साथियों की मेहनत का परिणाम था कि प्रदेश ही नही शायद भारत के अत्याधुनिक अस्पतालों में से एक - भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) भोपाल वासियों को मिला 650 करोड़ कि लागत और 500 करोड़ रिजर्व फण्ड के साथ जो अब 800 करोड़ के लगभग हो चुके होंगे । आधुनिक व्यवस्था के साथ चालू हुआ । आज भी भोपाल कि सबसे उच्च श्रेणी की एम्बुलेंस bmhrc के ही पास है । इतना आधुनिक अस्पताल होने के बाद भी जब्बार साहब हमारे बीच नही है कारण अस्पताल की अनदेखी सरकारों द्वारा । न अच्छे डॉक्टर बचे है जितने अच्छे डॉक्टर थे वो सब पैसे कमाने के कारण निजी अस्पतालों की गोद मे बैठ गए है और पैसा कमा रहे है जान बचाने के बदले । आज न अच्छे डॉक्टर है न दवाईयां जहाँ राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब भी आए थे राष्ट्रपति रहते । मुआवज़े के नाम पर हजारों रुपये गैस पीड़ितों को मिल चुके हैं ,उसके पीछे भ