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5 वर्ष में आएंगे 50 चीता

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नई दिल्ली। 1952 में विलुप्त हो जाने के बाद चीता एक बार फिर भारत में नजर आने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार ने एक कार्य योजना की घोषणा की है जिसके तहत अगले पांच वर्ष में 50 चीता देश में लाए जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में कार्य योजना की शुरूआत करते हुए कहा, स्वतंत्र भारत में विलुप्त हो चुके चीता भारत में वापसी के लिए तैयार हैं। एनटीसीए के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि चीता को फिर से लाने की योजना कोविड-19 के कारण अधर में लटक गई थी।  नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से किया जाएगा आयात कार्य योजना के अनुसार, लगभग 10-12 युवा चीतों का एक समूह जो पुन: प्रजनन के लिए आदर्श होगा, को पहले वर्ष के दौरान नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से एक संस्थापक पशु धन के रूप में आयात किया जाएगा। तीन सौ पन्नों की कार्य योजना में कहा गया, जंगली नर पशुओं के एक मौजूदा समूह का चयन किया जाएगा, जबकि कोशिश की जाएगी कि चयनित मादाएं भी एक-दूसरे से परिचित हों।  

आॅस्ट्रेलिया में दिखा दुर्लभ 'कंबल' आॅक्टोपस

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क्वींसलैंड। कुदरत के गर्भ में ऐसे ऐसे रहस्यमयी और दुर्लभ चीजें छिपी हैं, जिन्हें देखकर इंसान हैरान होता रहता है। आॅस्ट्रलिया में करीब 20 साल बाद एक ऐसा ही दुर्लभ आॅक्टोपस मिला है, जिसे देखकर वैज्ञानिक खुश हैं। इस महीने की शुरूआत में जैसिंटा शैकलटन ने समुद्र के अंदर दुर्लभ माने जाने वाले कंबल आॅक्टोपस को ना सिर्फ देखा, बल्कि उसका वीडियो भी बनाया है।  क्वींसलैंड में मिला दुर्लभ आॅक्टोपस जैसिंटा शैकलटन दुनिया की जानी मानी समुद्री जीवविज्ञानी हैं और वो ग्रेट बैरियर रीफ में लेडी इलियट द्वीप के तट पर स्नॉर्कलिंग कर रही थी, जब उन्होंने पहली बार इस दुर्लभ कंबल आॅक्टोपस को देखा। ये आॅक्टोपस इसलिए दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि ये कई रंगों से मिलकर बना होता है और इसकी आबादी काफी कम है। पिछली बार साल 2002 में इस आॅक्टोपस को देखा गया था। क्वींसलैंड के पर्यटन और आयोजनों के लिए कंटेट क्रिएटर के तौर पर का करने वालीं शैकलटन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस दुर्लभ आॅक्टोपस का वीडियो और कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जो देखने में काफी ज्यादा मनमोहक है।   दुर्लभ आॅक्टोपस को देख उत्साहित लोग इस दुर्लभ आॅक्टोपस क