मौत का कारण पहचानने में मददगार है हिस्टोपैथोलॉजी
"फोरेंसिक अपडेट का चौथा संस्करण" - भारत का पहला हैंड्स- वर्कशॉप ऑन फोरेंसिक हिस्टोपैथोलॉजी भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन प्रो. (डॉ.) सरमन सिंह, निदेशक और सी ई ओ, एम्स, भोपाल द्वारा किया गया था। आज 15 फरवरी 2020 को इस वर्कशॉप का समापन किया गया कार्यक्रम के दौरान कई सत्र आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र में, गुजरात के डॉ. डी. एन. लांजेवार, प्रख्यात अतिथि संकाय ने मृत्यु के कारणों के बारे में पता लगाने के लिए यकृत, फेफड़े और अन्य अंगों से जुड़े मामलों में हिस्टोपैथोलॉजी के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने प्रतिनिधियों द्वारा किए गए यकृत, फेफड़े और गुर्दे से विच्छेदन और नमूने पर हाथ से करने का डेमो दिया। उन्होंने महत्वपूर्ण तथा अचानक और अस्पष्ट मौत के मामलों पर भी चर्चा की जहां हिस्टोपैथोलॉजी करने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होता है सेठ जी एस एम सी और के ई एम अस्पताल, मुंबई से डॉ. आशा शेनॉय द्वारा विभिन्न रोगग्रस्त थतियों में मस्तिष्क के सामान्य हिस्टोलॉजी और हिस्टोपैथोलॉजी पर चर्चा की