10 साल में कोरोना से भी बड़ा खतरा बनेगा क्लाइमेट चेंज

 


ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में जैव विविधता व संक्रामक रोग भी संकट की सूची में शामिल

नई दिल्ली। ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022 के मुताबिक अगले 10 साल में पर्यावरण में बदलाव दुनिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। इस समस्या को रिस्क रिपोर्ट में टॉप पर रखा गया है। रिपोर्ट में क्लाइमेट चेंज से जुड़े खतरों को प्रमुखता से जगह दी गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा कोरोना वायरस महामारी से भी कहीं ज्यादा बड़ा खतरा क्लाइमेट चेंज बन सकता है। इसके अलावा रिपोर्ट में क्लाइमेट चेंज के बाद जैव विविधता की हानि, सामाजिक एकता में कमी, आजीविका संकट व संक्रामक रोग का स्थान है।
2 से 5 साल में इन समस्याओं से होगा सामना
रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दो वर्षों में अस्थिर मौसम, जीवन यापन से जुड़ी समस्या, सामाजिक एकता में कमी , मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट, खतरनाक बीमारियां जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, वहीं 2 से 5 साल के बीच दुनिया को डेट क्राइसिस, इंसान द्वारा पर्यावरण को नुकसान, साइबरसिक्योरिटी और बायोडाइवर्सिटी से संबंधित खतरों का सामना करना पड़ सकता है।
 टेक्निकल प्रोग्रेस के साईड इफेक्ट भी आएंगे सामने
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022 के मुताबिक आने वाले 5 से 10 वर्षों के बीच तकनीक काफी बढ़ेगी जिसके नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेंगे। इस दौरान समाजिक एकता में कमी आएगी और टेक्निकल प्रोग्रेस से जुड़े विपरीत प्रभाव दुनिया के सामने बड़ा खतरा बनकर लोगों और सरकारों के लिए समस्या बन सकते हैं। हालांकि अगले 10 वर्षों में दुनिया काफी विकसित भी होगी।
एक्सपर्ट्स की राय के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट
विश्व आर्थिक मंच ने हाल ही में अपनी ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022 जारी की है जिसमें दुनिया में अगले 10 वर्षों में आने वाले संभावित खतरों के बारे में बताया गया है। इस रिपोर्ट में कोरोना वायरस का भी जिक्र किया गया है। ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट को रिस्क एक्सपर्ट और बिजनेस, इकोनॉमिक, सिविल सोसाइटी के लीडर्स की राय के आधार पर तैयार किया जाता है। रिपोर्ट में मुख्य रूप से पर्यावर्णिक, सामाजिक, आर्थिक, जियो-पोलिटिकल और तकनीकी जैसी 5 बड़ी समस्याओं के खतरे को कवर किया जाता है।


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