आॅस्ट्रेलिया में दिखा दुर्लभ 'कंबल' आॅक्टोपस


क्वींसलैंड। कुदरत के गर्भ में ऐसे ऐसे रहस्यमयी और दुर्लभ चीजें छिपी हैं, जिन्हें देखकर इंसान हैरान होता रहता है। आॅस्ट्रलिया में करीब 20 साल बाद एक ऐसा ही दुर्लभ आॅक्टोपस मिला है, जिसे देखकर वैज्ञानिक खुश हैं। इस महीने की शुरूआत में जैसिंटा शैकलटन ने समुद्र के अंदर दुर्लभ माने जाने वाले कंबल आॅक्टोपस को ना सिर्फ देखा, बल्कि उसका वीडियो भी बनाया है।

 क्वींसलैंड में मिला दुर्लभ आॅक्टोपस

जैसिंटा शैकलटन दुनिया की जानी मानी समुद्री जीवविज्ञानी हैं और वो ग्रेट बैरियर रीफ में लेडी इलियट द्वीप के तट पर स्नॉर्कलिंग कर रही थी, जब उन्होंने पहली बार इस दुर्लभ कंबल आॅक्टोपस को देखा। ये आॅक्टोपस इसलिए दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि ये कई रंगों से मिलकर बना होता है और इसकी आबादी काफी कम है। पिछली बार साल 2002 में इस आॅक्टोपस को देखा गया था। क्वींसलैंड के पर्यटन और आयोजनों के लिए कंटेट क्रिएटर के तौर पर का करने वालीं शैकलटन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस दुर्लभ आॅक्टोपस का वीडियो और कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जो देखने में काफी ज्यादा मनमोहक है।

 

दुर्लभ आॅक्टोपस को देख उत्साहित लोग

इस दुर्लभ आॅक्टोपस को देखना लोगों के लिए अपने आप में एक दुर्लभ मौका है और जब शैकलटन ने इसे अपनी इंस्टाग्राम पेज पर लोगों के साथ शेयर किया, तो लोग अपनी भावनाओं को छिपाने से रोक नहीं पाए। वहीं, शैकलटन ने द गार्डियन को बताया कि, जब मैंने पहली बार इसे देखा, तो मुझे लगा कि यह लंबे पंखों वाली एक मछली हो सकती है, लेकिन जैसे ही यह करीब आती है, मुझे एहसास हुआ कि यह एक मादा कंबल आॅक्टोपस थी और मैं खुशी और उत्साह के मारे पागल होने लगी थी।

 'खुशी को बताना नामुमकिन'

उन्होंने ब्रिटिश न्यूजपेपर गार्डियन से बात करते हुए कहा कि, वास्तव में इस दुर्लभ जंतु को अपने जीवन में अपनी आंखों के सामने देखना....अवर्णनीय है और मैं उसकी हरकतों को लगातार देखते जा रही थी और मैं उसपर पूरी तरह से मोहित हो गई थी। ऐसा लग रहा था, कि मानो वो बहते हुए केप के साथ पानी में नाच रहा हो। उसके शरीर के सारे रंग जीवंत और अविश्वसवीय थे और उसे देखने के दौरान आप अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते थे। उन्होने कहा कि, मैंने वास्तव में पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है और मुझे नहीं लगता कि मैं अपने जीवन में फिर कभी ऐसा कर पाऊंगी।

तीन साल से समुद्री जीवन की खोज

ग्रेट बैरियर रीफ में तीन साल से समुद्री जीवन की खोज कर रही शैकलटन का मानना है कि कंबल आॅक्टोपस को मोलस्क को देखने से पहले केवल तीन बार देखा गया है। द न्यूजीलैंड जर्नल आॅफ मरीन एंड फ्रेशवाटर रिसर्च के अनुसार, कंबल आॅक्टोपस को इतना दुर्लभ बनाने वाला उनका चरम यौन आकार द्विरूपता है।

मादा आॅक्टोपस 6 फीट तक लंबी

यौन आकार द्विरूपता का मतलब ये होता कि, जब एक जोड़ा संबंध बनाता हो और उनके शरीर के आकार में भारी अंतर हो। जैसे इस कंबल आॅक्टोपस को ही ले लीजिए। मादा कंबल आॅक्टोपस की लंबाई करीब 6 फीट तक हो जाती है, जबकि उससे संबंध बनाने वाले नर आॅक्टोपस की लंबाई महज 2.4 सेंटीमीटर तक ही बढ़ती है। लिहाजा अपने इस सेक्स क्वालिटी के लिए भी ये आॅक्टोपस काफी ज्यादा दुर्लभ माना जाता है। इसके अलावा, मादा आॅक्टोपस का वजह पुरूष आॅक्टोपस के मुकाबले 40 हजार गुना ज्यादा होता है।

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