मनुष्य निर्माण के कार्यों में लगें सभी – मोहन भागवत जी

मोहन भागवत ने की ग्राम विकास के कार्यों की समीक्षा



भोपाल - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने प्रान्तीय एवं जिले के अधिकारीयों की बैठक में चर्चा करते हुए कहा कि धर्म संस्कृति एवं समाज के सर्वांगीण विकास को पूर्ण करने का दायित्व हमारा है। इस दायित्व को पूरा करने के लिए हम सभी को मनुष्य निर्माण के कार्य में लग जाना चाहिए। समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे सामर्थ्यवान स्वयंसेवक खड़े करने हैं जो परिस्थिति के साथ स्वयं की भूमिका को तय करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने इस बैठक में ग्राम विकास के कार्यों पर चर्चा की एवं वर्तमान कार्यों की समीक्षा के साथ आगामी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी चर्चा की। 5 एवं 6 फरवरी को सरसंघचालक जी मध्यभारत क्षेत्र के विभिन्न संगठनो एवं संघ के अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।


आदर्श ग्रामों का हो रहा निर्माण


प्रदेश के गुना जिले की तहसील राधौगढ़ में स्थित लगभग ढाई हजार की आबादी वाला गांव भुलाय ग्राम विकास का एक अनूठा उदाहरण बन रहा है। इस गांव में ग्राम विकास के कार्यों की शुरुआत के साथ गांव की तकदीर और तस्वीर ही बदल गई है। इस गाँव में सामाजिक समरसता के प्रयासों से जातिगत छुआछूत को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, गाँव व्यसन मुक्त हो गए हैं और गाँव के लोगों ने जल संरक्षण के प्रयासों के साथ गाँव को प्लास्टिक मुक्त बनाया है।


इसी प्रकार जांजगीर जिले का जनजातीय गाँव सौनडीह आज विवाद एवं व्यसन मुक्त तथा समरसता युक्त बना है। गाँव की ग्राम समिति ने चार बड़े तालाबों का निर्माण किया है। धार जिले के सुंदरैल गाँव ने ग्रामीण बैंक की स्थापन की थी जो प्रतिवर्ष 18 करोड़ का लेनदेन कर रहा है। इस प्रयास से गाँव कर्ज मुक्त बना है। गाँव के लोग बड़ी संख्या में जैविक कृषि के प्रयोग कर रहे हैं। हर घर में मनका रामायण का पाठ हो रहा है।


नरसिंहपुर, करेली का गाँव मोहद पूर्ण संस्कृत गाँव बन गया है एवं 5 गावों का समूह बनाकर प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि का विकास किया जा रहा है। भारत भारती के माध्यम से बैतूल जनपद के सभी गावों तक समरसता, व्यसन मुक्ति, वर्षा तालाब द्वारा जल संग्रह (बोरी बंधान) और प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण का कार्य पहुंचा है। गंगावतरण अभियान के माध्यम से बैतूल की बंजर पहाड़ियों को दस हज़ार पेड़ लगाकर हरा भरा बनाया गया है।


भाऊ साहब भुस्कुटे न्यास के माध्यम से बनखेड़ी प्रखंड, होशंगाबाद के 66 गावों तक छोटे उपक्रमों से शिक्षा, संस्कार एवं स्वावलंबन की योजना पर कार्य किया जा रहा है।


संघ ने चयनित गावों का दो श्रेणियों में किया विभाजन


ग्राम विकास के लिए चयनित गांवों को उदय ग्राम और प्रभात ग्राम की दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। प्रभात ग्राम वह गांव हैं जहां सेवा कार्यों के परिणामस्वरुप बदलाव दिखाई देने लगा है एवं उदय ग्राम वह गांव हैं जहाँ काम का अभी शुभारंभ हुआ है। मध्य क्षेत्र में आने वाले चार प्रांतों में उदय ग्राम और प्रभात ग्रामों की संख्या इस प्रकार है। मालवा प्रांत में 193 उदय ग्राम एवं 120 प्रभात ग्राम हैं। इसी प्रकार मध्य भारत, महाकौशल प्रांत एवं छत्तीसगढ़ में उदय ग्रामों एवं प्रभात ग्रामों की संख्या क्रमश: 21 एवं 8, 54 एवं 12 और 27 एवं 14 है।


संघ गतिविधियों से बदल रही गांवों की तस्वीर


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न संगठन विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से ग्राम विकास के कार्य करने में लगे हुए हैं। इन कामों में प्रमुख रूप से पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। सेवा भारती ने मध्यभारत में ऐसे गावों को अपने कार्य क्षेत्र में शामिल किया है जो कि मूलभूत आवश्यकताओं से अभीतक दूर थे। सेवा भारती ने अपने प्रयासों से इन गावों को स्वरोजगार, शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण सरंक्षण के लिए प्रेरित किया है।


शिक्षा खेती और स्वच्छता रहती है प्रमुखता


ग्राम विकास जब भी किसी गांव को अपने कार्य क्षेत्र में लेता है तब उस क्षेत्र के मूल कार्यों पर ध्यान दिया जाता है। जिसमें बेटियों की शिक्षा, गांव की स्वच्छता तथा किसानों के लिए जैविक खेती को मुख्य रूप से शामिल किया जाता है। इन तीनों कार्यों के लिए जागरूकता अभियान एवं कार्यशालाऐं आयोजित की जाती हैं। जिसके परिणाम स्वरुप गांवों के सामजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है।


ओम प्रकाश सिसोदिया


प्रांत प्रचार प्रमुख, मध्यभारत प्रांत


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