सरकार की लापरवाही ने दलित युवक की जान ली :- गोपाल भार्गव

नेता प्रतिपक्ष ने कहा प्रदेश सरकार का दलित विरोधी चेहरा उजागर हुआ

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने सागर जिले के जिंदा जलाएं गए दलित युवक श्री धनप्रसाद अहिरवार की दिल्ली अस्पताल में उपचार के दौरान मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की उदासीनता से यह घटना हुई है। पीड़ित युवक अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस से मदद मांगने पहुंचा था, उस समय ही अगर पुलिस गंभीरता से इस घटना का संज्ञान लेती तो आज युवक जिंदा होता। आखिरकार मध्यप्रदेश शासन प्रशासन की लापरवाही ने दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार की जान ले ली।
पुलिस की लापरवाही से अपराधियों के हौसले बुलंद
श्री भार्गव ने कहा कि पिछले 1 साल में मध्यप्रदेश में विशेष वर्ग द्वारा सैकड़ो घटनाएं हुई है। विधानसभा में मेरे द्वारा घटनाओं के सम्बंध में मामले उठाएं गए लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नही लेते हुए गोलमोल जवाब दिये। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों ने बताया था कि कुछ समय पहले भी उनका विवाद आरोपियों से हुआ था, इन्हीं लोगों ने धनप्रसाद के भाई की पत्नी के साथ मारपीट की थी। इसकी रिपोर्ट भी पुलिस थाने में की गई थी, लेकिन पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अगर उसी समय पुलिस आरोपियों के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करती, तो यह दुखद घटना ना होती।
शासन प्रशासन सतर्क रहता तो बच जाती युवक की जान
श्री भार्गव ने कहा कि दलित युवक की मौत से कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा पूरी तरह उजागर हो गया है। 14 तारीख को हुई घटना के बाद से कांग्रेस का कोई नेता, मंत्री या विधायक पीड़ित युवक या उसके परिजनों से मिलने नहीं गया। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ भी इस युवक से नही मिले। उन्होंने कहा कि मैंने हमीदिया अस्पताल में पीड़ित युवक से भेंट की है। उसे एक नॉन आईसीयू कमरे में रखा गया है। उसके मामले में डॉक्टरों का कहना था कि युवक 60 प्रतिशत से अधिक जल गया है। ऐसी स्थित में उसे तुरंत एयरलिफ्ट करके नईदिल्ली भर्ती कराना चाहिए, लेकिन कांग्रेस की इस दलित विरोधी सरकार ने उसे आईसीयू तक में भर्ती कराने की जरूरत नहीं समझी। जब इस घटना का राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने संज्ञान लिया और प्रदेश सरकार को निर्देश दिए तब कही जाकर युवक को एयर लिफ्ट किया गया। उन्होंने कहा कि समय रहते कमलनाथ सरकार अगर दलित युवक की सुध ले लेती तो आज उस युवक की जान बचाई जा सकती थी।
परिवार के एक सदस्य को नौकरी, 25 लाख की आर्थिक सहायता दे सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि मृत युवक अत्यंत गरीब परिवार से है, इसके बावजूद सरकार की ओर से अभी तक कोई सहायता नहीं दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग करते हुए कहा कि घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, उसके परिजनों को तत्काल कम से कम 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और घटना के संबंध में लापरवाही बरतने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। श्री भार्गव ने कहा कि कमलनाथ के शासन-प्रशासन की उदासीनता ने एक गरीब दलित परिवार से उसका बेटा छीन लिया। भाजपा विधायक दल और पूरी भाजपा दुःख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। पीड़ित परिवार के न्याय के लिए हम पूरी लड़ाई लड़ेंगे।
प्रियंका और राहुल गांधी मिले पीड़ित परिवार से
श्री भार्गव ने कहा कि इस दुखद और अमानवीय घटना पर  दलितों के मसीहा चुप है। एक दलित युवक को एक विशेष समुदाय के लोग जिंदा जला देते है। लेकिन दलितों का हितैषी बताने वाले कोई भी नेता और राजनीतिक दल उससे नही मिलते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले दंगाइयों से मिलती है। अब उन्हें और राहुल गांधी को मृतक दलित युवक के परिजनों से भी मिलना चाहिए। और उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ से पूछना चाहिए की प्रदेश में दलितों पर अत्याचार क्यों हो रहे हैं ।

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