एचपीसीएल और बीपीसीएल ने 6,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा की परियोजनाओं के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स का चयन किया

~ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि के साथ ही कंपनी कृषि कचरा जलाने में कटौती और पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए बायो इथेनॉल परियोजना का क्रियान्वयन करेगी~


जनवरी 27, 2020: देश की सबसे तेजी से बढ़ रही और सबसे ज़्यादा सराही गई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने घोषणा की है कि कंपनी को तेल एवं गैस रिफाइनरी क्षेत्र में एचपीसीएल राजस्थान रिफानरी लिमिटेड (एचआरआरएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) से कुल 6,000 करोड़ रुपए मूल्य से ज़्यादा के अनेक मेगा ऑर्डर्स प्राप्त हुए हैं।    


बीपीसीएल का ऑर्डर बारगढ़, ओड़िशा में उसके 2जी बायो इथेनॉल संयंत्र के लिए है जिसकी सेकंड जनरेशन इथेनॉल की प्रस्तावित निर्माण क्षमता 100 किलोलीटर प्रतिदिन है। ये संयंत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत उपलब्ध कराने के लिए कृषि अवशेषों से सेल्यूलोसिक इथेनॉल के निर्माण को प्रोत्साहन दे रही है। इससे पर्यावरण की समस्याओं से निपटने और इथेनॉल ब्लेन्डेड पेट्रोल (इबीपी) कार्यक्रम के समर्थन में मदद मिलेगी। कृषि कचरे को जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के साथ ही इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में भी वृद्धि होगी। 


पूरा होने पर, बीपीसीएल का यह 2जी बायो इथेनॉल प्रोजेक्‍ट घरेलू कृषि आधारित लिंगो सेल्यूलोसिक फीडस्टॉक का इस्तेमाल करते हुए आईएस 15464:2004 के मानदंडो के अनुरुप ईंधन श्रेणी के इथेनॉल का निर्माण करेगा। धान का भूसा डिज़ाइन फीडस्टॉक होगा जबकि मक्के का भूसा चेक केस के तौर पर होगा। 


टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विनायक देशपांडे ने कहा, “एक अग्रणी कंन्स्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी कंपनी होने से, हमारे पास एक विशेषज्ञा प्राप्त विभाग है जो पर्यावरण के लिए लाभदायक और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं का क्रियान्वयन करता है। इसलिए हम ऐसी परियोजनाओं को लेने की कोशिश करते हैं जो समुदायों के जीवन में सुधार लाए और इसके साथ ही राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करे। सुरक्षा और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के मानकों के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बगैर टाटा प्रोजेक्टस ने विश्व स्तरीय प्रबंधन तकनीकों का इस्तेमाल कर अनेकों परियोजनाओं को समय पर पूरा किया है। ”


अन्य तीन  ऑर्डर्स एचआरआरएल के ग्रीन फील्ड रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित हैं। इन ऑर्डर्स के तहत क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट एवं वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट;  अपस्ट्रीम डिस्टिलेशन यूनिट से प्राप्त वैक्यूम अवशेष और साफ किए गए तेल के मिश्रण के साथ 2.4 एमएमटीपीओ या 300,000 किलो/घंटा अनसैचुरेटेड एलपीजी ट्रीटिंग यूनिट; और 3.5 एमएमटीपीए क्षमता वाले वैक्यूम गैस ऑईल हाइड्रोट्रीटिंग यूनिट और रिफाइनरी पर टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा क्रियान्व्यन कार्य किया जाएगा। 


इन प्रतिष्ठित ऑर्डर्स के बारे में बात करते हुए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के सीओओ- इंडस्ट्रियल सिस्टम्स श्री सत्यनारायण के. ने कहा, “राष्ट्रीय महत्व की इन विशाल परियोजनाओं का काम प्राप्त कर और इन्हें क्रियान्वित करते हुए हमें खुशी हो रही है। ये प्रोजेक्ट्स इसी तरह की विशाल परियोजनाओं को समय पर क्रियान्वित करने की हमारी विशेषज्ञता और गहरे अनुभव का प्रमाण हैं। ऊर्जा एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्रत्येक देश द्वारा ध्यान केंद्रित किया जाना आवश्यक है क्योंकि इसका सीधा असर आर्थिक विकास और लोगों के कल्याण पर पड़ता है। एक कंपनी के तौर पर हमें पूरा यकीन है कि राष्ट्रीय विकास को गति प्रदान करते हुए इन परियोजनाओं से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और भी ज़्यादा मज़बूत होगी।”


टाटा प्रोजेक्ट्स अपनी टेक्नोलॉजी की समझ, उन्‍नत निर्माण प्रणालियों और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए जटिलताओं को सरल करने और विश्य स्तरीय परियोजनाओं को समय पर तैयार करने की कोशिश करता है।


टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के विषय में 


टाटा प्रोजेक्‍ट्स भारत की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे अधिक पसंद की जाने वाली आधारभूत संरचना कंपनियों में से एक है। इसके पास बड़ी और जटिल शहरी और औद्योगिक आधारभूत संरचना परियोजनाओं के निष्पादन की विशेषज्ञता है। 


टाटा प्रोजेक्ट्स अपनी चार रणनीतिक व्यवसाय इकाइयों(एसजीबी)- इंडस्ट्रियल सिस्‍टम्‍स एसबीजी, कोर इंफ्रा एसबीजी, अर्बन इंफ्रा एसबीजी और सर्विसेज एसबीजी के माध्यम से परिचालन करती है। 


कंपनी विद्युत संयंत्रों, विद्युत संप्रेषण एवं वितरण प्रणालियों, पूर्णतया एकीकृत रेल एवं मेट्रो प्रणालियों, व्यावसायिक भवनों एवं विमानतलों, रसायन प्रसंस्करण संयंत्रों, जल एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन समाधानों, संपूर्ण खनन एवं धातु शुद्धिकरण प्रणालियों के लिये महत्वपूर्ण समाधान प्रदान करती है।


कंपनी विश्व स्तरीय परियोजना प्रबंधन तकनीकों का उपयोग कर निर्धारित समय के भीतर परियोजना पूरी करती है और सुरक्षा तथा स्थायित्व के मानकों से समझौता नहीं करती है।


 


 


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