आदिवासियों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया जाना बेहद शर्मनाक:- गोपाल भार्गव
नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार आदिवासी बंधुओं से माफ़ी मांगे
श्री भार्गव ने अतिथि शिक्षकों के धरना पंडाल में लगी आग को साजिश बताया
भोपाल। आदिवासियों का देश की आजादी के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये हमारी संस्कृति के रक्षक है। भोले भाले भीलो को आपराधिक प्रवर्ति का बताया जाना संपूर्ण आदिवासी समाज का अपमान है। पहले आदिवासी विधायकों का अपमान और अब सम्पूर्ण भील समाज को इस तरह कहना प्रदेश सरकार की आदिवासी विरोधी सोच को उजागर करती है। यह बात नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने एमपीपीएससी परीक्षा में आदिवासियों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताए जाने को बेहद शर्मनाक बताया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में चल रहे बदलाव के दौर में महापुरुषों और समाज नीचे दिखाने का काम किया जा रहा है। देश की आजादी में सावरकरजी जैसे महापुरुष और टंट्या भील जैसे संस्कृति के रक्षकों का योगदान रहा। सेवादल द्वारा प्रकाशित पुस्तक में सावरकरजी पर अनर्गल बातों का उल्लेख ओर अब एमपीपीएससी के पप्रश्नपत्र में सम्पूर्ण भील प्रवृत्ति का बताना। यह कांग्रेस का कौनसा सिलेबस है। सरकार किस एजेंडे पर काम कर रही है?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासियों का अपमान करती आई है। खुद की पार्टी के आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा को लेकर टिप्पणी की गई थी। कांग्रेस के आदिवासी विधायक हीरालाल अलावा भी सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नही है। उनकी हो रही उपेक्षा नाराजगी के रूप में सामने आई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार आदिवासी बंधुओं से सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगे और दोषियों पर कार्रवाई करें।
आतिथि विद्वानों की हर आवाज को दबा रही सरकार
नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने भोपाल के शाहजहानी पार्क में धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के पंडाल में आग लगने की घटना को सोची समझी साजिश बताते हुए अतिथि विद्वानों की आवाज दबाने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले 35 से अधिक दिनों से इस सर्द मौसम में मासूम बच्चों के साथ महिलाएं अध्यापक भी धरने पर बैठी है। रविवार को देर रात अतिथि विद्वान के धरना पंडाल में आग लगा दी गयी। प्रदेश में जायज मांगो ओर हक के लिए लड़ना भी अब शायद अपराध है। कांग्रेस पहले वचन देती है फिर जब वो पूरे नही होते है तो सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाज को कुचलने के काम होता है। प्रदेश सरकार दमनकारी नीतियों पर काम कर रही है। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि घटना के लिए जो भी दोषी हो उनके नाम उजागर हो इसलिए मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाएं।