8 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल


    केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ एवं मजदूरों के राष्ट्रीय सम्मेलन के 12 सूत्रीय माँगों को लेकर 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठनों एवं सैकड़ों स्वतंत्र यूनियन्स/ एसोसिएशन्स, जिनमें राज्य, केन्द्र, बैंक, बीमा, ऑंगनबाड़ी, हम्माल, ट्रांसपोर्ट, बिजली, मेडिकल रिप्रिजेन्टेटिव, खेती एवं अन्य क्षेत्र/संस्थानों में काम करने वाले करीब 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर, कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल हैं, ने 08 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। इसी तारतम्य में हड़ताल के पूर्व के कार्यक्रमों के तहत् राजधानी भोपाल में बैंकिंग उद्योग के पॉंच हड़ताली संगठनों- ”ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एम्प्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नैशनल बैंक एम्प्लाईज फेडरेशन एवं इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स काँग्रेस“ के तत्वावधान में राजधानी भोपाल के सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी आज शाम 5ः45 बजे ओरियेन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स रीजनल ऑफिस प्रेस काम्पलेक्स, भोपाल के सामने एकत्रित हुए, उन्होंने 8 जनवरी 2020 की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की माँगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई, जिसे बैंक कर्मचारी-अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों साथी वी.के. शर्मा, डी.के. पोद्दार, मो. नज़ीर कुरैशी, संजय कुदेशिया, वी.एस. नेगी, एम.जी. शिन्दे, एम.एस. जयशंकर, गुणशेखरन, बाबूलाल राठौर, जे.पी. दुबे, प्रभात खरे, देवेन्द्र खरे, सौरभ पाराशर, योगेश मनूजा, सी.एस. शर्मा, सत्येन्द्र चौरसिया, वैभव गुप्ता, सतीश चौबे आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के 25 करोड़ से ज्यादा कामगार 8 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल करने जा रहे हैं। यह अब तक कि विश्व की सबसे बड़ी हड़ताल होने जा रही है। वक्ताओं ने मजदूरों के राष्ट्रीय सम्मेलन के 12 सूत्रीय माँग पत्र का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार श्रम सुधार के नाम पर श्रम कानूनों में परिवर्तन कर रही है। यह कैसे श्रम सुधार जिसके तहत मजदूरों एवं ट्रेड यूनियनों के संघर्षों से पाये गये अधिकारों को छीना जा रहा है। नौकरियों पर हमले करके रोजगार छीना जा रहा है। श्रम नीतियों में सुधार करने की बजाय इन नीतियों को उद्योगपतियों, प्रबंधन, कार्पोरेट एवं सम्पन्न घरानों के पक्ष में परिवर्तित किया जा रहा है। कामगारों को शस्त्रविहीन करने के लिए श्रम कानूनों में संसोधन किया जा रहा है, जिससे कि ये शोषण, अत्याचार एवं प्रबन्धन वर्ग के हमलों का सामना करने में असमर्थ हो जावे।
बैंकिंग उद्योग में बैंकिंग सुधारों के नाम पर बैंकों का विलय एवं निजीकरण सरकार की प्राथमिकता है। कार्पोरेट घरानों के खराब ऋणों की वसूली के लिए कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। बैंकों में समुचित भर्ती के अभाव में लाखों पद रिक्त पड़े हैं। गत दो साल से लम्बित वेतन पुनरीक्षण को किसी न किसी बहाने टाला जा रहा है। इन सारे मुद्दों के उचित निराकरण के लिए सरकार की ओर से कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। हम मेहनतकश शांतिपूर्ण जीवन चाहते हैं, लेकिन यदि सरकार एवं प्रबन्धन हमसे टकराएंगे तो हम भी करारा जबाव देंगे।
उन्होंने हड़ताली साथियों से कहा कि सरकार की एकतरफा एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ कड़ी टक्कर देने का समय आ गया है। 08 जनवरी 2020 की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की ओर आगे बढ़ें और 25 करोड़ कामगारों द्वारा की जाने वाली इस इंकलाबी एवं तेजस्वी हड़ताल का हिस्सा बनकर इसे सफल बनाएँ।
(गुणशेखरन)
प्रवक्ता


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