मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ करेगा 8 जनवरी को  हड़ताल


इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में निजीकरण हेतु किए जा रहे संशोधन के विरोध तथा पुरानी पेंशन हेतु किया जाएगा कार्य का बहिष्कार

 भोपाल । मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के तत्वधान में केंद्रीय नीतियों के कारण राज्यों की वितरण कंपनियों एवं आम उपभोक्ताओं पर उसका प्रभाव पर एक कार्यशाला का आयोजन आज पलाश होटल में किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भोपाल में इंजीनियर शैलेंद्र दुबे अध्यक्ष ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, इंजीनियर विनय पांडे सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन , इंजीनियर अनीश सिंघाई अध्यक्ष मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ एवं इंजीनियर वीकेएस परिहार महासचिव मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन भी इस कार्यशाला में किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इंजीनियर वीकेएस परिहार महासचिव मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने पत्रकारों को बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर के आव्हान पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में किए जा रहे संशोधन एवं केंद्र व राज्य स्तर पर चल रही निजीकरण की कार्रवाई के विरोध में तथा पुरानी पेंशन बहाली हेतु देश के लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर आगामी 8 जनवरी को 1 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार करेंगे। आगे प्रेस वार्ता को एवं कार्यशाला को संबोधित करते हुए शैलेंद्र दुबे अध्यक्ष ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में किए जा रहे जनविरोधी प्रतिगामी प्राविधानों का बिजली कर्मचारी और इंजीनियर प्रारंभ से ही विरोध करते आ रहे हैं और इस संबंध में केंद्र सरकार को लिखित तौर पर कई बार दिया जा चुका है। आगे उन्होंने कहा कि संशोधन पारित हो गया तो सब्सिडी और क्रॉस सब्सिडी 3 साल में समाप्त हो जाएगी। जिसका सीधा अर्थ है कि किसानों और आम उपभोक्ताओं की बिजली महंगी हो जाएगी, जबकि उद्योगों और व्यवसायिक संस्थानों की बिजली दरों में कमी की जाएगी ।उन्होंने कहा कि संशोधन के अनुसार हर उपभोक्ता को बिजली लागत का पूरा मूल देना होगा जिसके अनुसार बिजली की दरें 10 से ₹12 प्रति यूनिट हो जाएगी । आगे प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इंजीनियर वीकेएस परिहार महासचिव मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने कहा कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की अन्य मांगे विद्युत मंडल के विघटन के बाद भर्ती हुए कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली ,सामान्य कार्य के लिए समान वेतन ,ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर नियमित प्रकृति के कार्यों हेतु संविदा कर्मियों को वरीयता देते हुए तेलंगना की तरह नियमित करना, बिजली का निजीकरण पूरी तरह बंद करना और प्राकृतिक संस्थानों को निजी घरानों को सौपना बंद करना प्रमुख मांगे हैं ।आगे उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी संविधान की समवर्ती सूची में है और राज्य का विषय है किंतु यदि निजीकरण हेतु इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन किया गया तो बिजली के मामले में केंद्र का वर्चस्व बढ़ेगा और राज्यों की शक्ति कम होगी तथा इस दृष्टि से भी जल्दबाजी करने के बजाय संशोधन बिल पर राज्य सरकारों , बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों की राय ली जानी चाहिए । आज की इस प्रेसवार्ता और कार्यशाला में पूरे प्रदेश भर से आए हुए लगभग ढाई सौ अभियंता उपस्थित रहे।।।

 

इंजीनियर वीकेएस परिहार महासचिव 

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ भोपाल

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