मंत्री पी.सी शर्मा और पीएस संजय शुक्ला आम आदमी के साथ विश्वास

जनसंपर्क मंत्री और आईएएस अफसर एक साथ पहुंच गए जनता के बीच



संस्कृति से सरोकार किसी भी व्यक्ति की छवि को विशाल बना देता है। दरअसल साहित्य और संस्कृति हमारी जड़ों में है और यही हमारे व्यवहार हमारी सक्रियता और हमारी पहचान है। इस संदर्भ में जब हम बात करते हैं तो पाते हैं की मध्य प्रदेश सही मायने में हृदय प्रदेश है। देश के हृदय प्रदेश में अभी छठ का पर्व जिस उत्साह से  मनाया गया वह इस बात का संकेत देता है की सर्वधर्म समभाव की जो सनातन परंपरा है उसका वाहक मध्य प्रदेश है। इस सनातन परम्परा के वाहक के रूप में आपका परिचय एक ऐसे अधिकारी से कराते हैं जिनके बारे में आपको सहज यकीन भी नहीं होगा कि राज्य शासन महत्वपूर्ण पद पर बिराजने वाला यह अधिकारी अपनी संस्कृति के लिए इतना विनम्र भी है। सहज सरल और लोगों से सीधा संवाद करने वाला एक ऐसा अधिकारी भी है जो इस बात का संदेश देता है की सामाजिक सरोकार उसके कर्तव्यों में पहला है। परंपरा अनुसार छठ की रस्मो रिवाज के अनुरूप सामाजिक समता का संदेश देते श्री संजय शुक्ला उन विरले अधिकारियों में हैं जो सभी दायित्वों को समान रूप से पूर्ण करते हैं।


विविधवर्णी मध्यप्रदेश में कभी किसी परम्परा, तीज-त्योहार को समाज, प्रदेश के स्तर पर नहीं देखा गया। जो जहां से आया, उसे अपने में मध्यप्रदेश ने समाहित कर लिया। इसका सबूत है केरल का त्योहार ओणम, राजस्थान का गरबा, अवध की दीवाली, मथुरा की होली या फिर बिहार का छठ पर्व हो। इन सभी में मध्यप्रदेश का आलौकिक दृश्य देखने को मिलता है। इसमें किसी व्यक्ति विशेष के पद से त्योहार नहीं मनाया जाता यहां के रंग-रंग में सभी धर्मों के प्रति सच्ची श्रद्धा होती है। 


बात चाहें हम करें प्रमुख सचिव जनसम्पर्क श्री संजय शुक्ला की या बात करें जन जन के लोकप्रिय नेता  एवं मंत्री पीसी शर्मा की। ये ऐसी शख्सियत हैं जिनका संवाद सीधा रहा है। उदाहरण देखिए कि ट्रैफिक में फंसने के बाद मंत्री पीसी शर्मा ने इधर-उधर देखने के बजाय एक मीडिया पर्सन की बाइक पर बैठकर सीधे छठपूजा घाट पर पहुंचे और ख्यातिनाम अधिकारी जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव सिर बांस की बनी टोकरी लेकर संध्या कालीन सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को अध्र्य देने पहुंचे। यह आमजन के लिए चकीत कर देने वाल समय था सब में खुशी थी। किसी को भी यह जनसंपर्क मंत्री और जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव ने यह नहीं महसूस होने के दिया की वो उन सब में अलग हैं। उन्होंने आमजन के साथ छठपर्व पर छठी मैया की पूजा-अर्चना की और प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की। 


छठ पर्व के बहाने ही सही प्रमुख सचिव जनसंपर्क श्री संजय शुक्ला के व्यक्तितत्व की एक और खासियत से आम आदमी का परिचय हुआ। श्री शुक्ला के बारे में आम धारणा है कि उन पर पद कभी भार नहीं बना और वे अपने हर दायित्व को अपना निजी कार्य मानकर पूर्ण करते रहे हैं। जनसम्पर्क के पहले मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की जिम्मेदारी हो या अलग अलग जिलों में कलेक्टर के रूप में कार्य करते रहे हैं। आम आदमी को कभी उन्होंने निराश नहीं किया। आज वे एक ऐसे पद पर हैं जहां सरकार, शासन और जनता के बीच सेतु के रूप में कार्य करने की जवाबदारी है। निश्चित रूप से वे अपने इस दायित्व में भी वैसी कामयाबी का झंडा फहराएंगे, जैसा कि वे पूर्व में भी करते रहे हैं।


( लेखक - कृष्ण कान्त शुक्ला


युवा पत्रकार एवं शोधार्थी। )





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