हरियाली मिटाकर नहीं करने देंगे कोई निर्माण कार्य 

पर्यावरण बचाओ आंदोलन

24/11/2019 को पर्यावरण बचाओ आंदोलन की बैठक हुई ।बैठक में कई संस्थाओं के प्रतिनिधि, पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए। पर्यावरण संसद में सभी ने सर्वसम्मति से नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने के लिए अरेरा हिल्स की पहाड़ी की हरियाली नष्ट करने के खिलाफ निर्णय लिया और जनप्रतिनिधियों की निंदा की।सभी सदस्यों ने एक मत होकर कहा कि जन प्रतिनिधि जनता के मालिक बनने की कोशिश ना करें।देश की असली मालिक जनता है जिसके टेक्स से देश चलता है।जनता बड़े विश्वास से नेताओं को विधायक और सांसद के रूप में चुनती है।परंतु वे जनता की भावनाओं के प्रतिकूल काम करते हैं।जब विधायकों की सुविधाएं अथवा फायदे की बात होती है तो विपक्ष के मुंह में ताला लग जाता है।

सभी सदस्यों ने पर्यावरण संसद में निर्णय लिया कि अरेरा हिल्स की हरियाली मिटाकर कोई निर्माण कार्य नहीं करने देंगे।विधायकों के विश्राम गृह प्रोजेक्ट से पर्यावरण प्रेमियों की नींद उड़ी हुई है क्योंकि वे भविष्य की परेशानियों को महसूस कर रहे हैं।दिल्ली की हालत गंभीर है प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोग दिल्ली से पलायन कर रहे हैं ऐसी स्थिति में हमे  भोपाल शहर के अंदर जितने भी वृक्ष हैं उन्हें बचाकर रखना चाहिए ताकि भविष्य में भोपाल की जनता को दिल्ली की जनता की तरह प्रदूषण से परेशानी ना हो।क्योंकि स्मार्ट सिटी और मेट्रो प्रोजेक्ट से हजारों पेड़ काट दिये गये  है , भविष्य में   और भी वृक्ष कटने हैं। 60-70 साल पुराने वृक्ष काट दिए गए हैं जिसकी भरपाई मुश्किल है।अरेरा हिल्स की पहाड़ी में  वृक्ष कटाई  जैसे किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी जा सकती परंतु सरकारी विभाग जो पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदार हैं अपना कर्तव्य नहीं कर रहे हैं।नए और पुराने शहर के बीच में अरेरा हिल्स की पहाड़ी हरियाली का केंद्र है जहां से भोपाल को प्राण वायु प्रदान होती है। पुराने शहर में घनी आबादी होने से वृक्ष नहीं है इसलिए शहर के अंदर वृक्षारोपण करने की बजाय पेड़ काटने की योजना का विरोध करते हैं। जनता के बीच जाएंगे और नेताओं के सुविधाओं के लिए जंगल उजाड़ने के खिलाफ जनता को जागरूक करेंगे।क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता ही सर्वोपरि है।जन प्रतिनिधियों के पास जाकर पेड़ों को जीवन दान की गुहार करेंगे।पेड़ काटने के समाचार से पर्यावरण प्रेमी और आमजन परेशान और बेचैन है।इसलिए जनता की नींद उड़ाओ आन्दोलन भी चलाएंगे।जनप्रतिनिधियों के घरों और कार्यालयों में जाकर पेड़ों को जीवन दान की अपील करेंगे और इसके बावजूद नहीं सुनते हैं तो पर्यावरण और भोपाल की हरियाली की खातिर आमरण अनशन पर भी बैठने की योजना है।विधान सभा सत्र के दौरान विधायकों को मनाने के लिए अनशन की योजना है। पेड़ों को बचाने चिपको आंदोलन भी करेंगे ।इसके अलावा वृक्ष बचाने के लिए के लिए वे सभी कार्य करेंगे जो पेड़ों को बचाने के लिए आवश्यक रहेंगे।विधिक सलाह लेकर NGT/सुप्रीम कोर्ट भी जाने की योजना है।

90 विधायक छत्तीसगढ़ जाने के बावजूद नए विश्राम गृह बनाना गलत निर्णय है।वर्तमान में आवश्यकता से अधिक कमरे होने के बावजूद नया विश्राम गृह बनाने के पीछे कुछ ठीक मंशा नहीं लग रही है।जैसे मिंटो हॉल को होटल संचालन के लिए दे दिया उसी तरह वर्तमान विधायक विश्राम गृह ना दे दिया जाए।आज की बैठक में शरद सिंह कुमरे सामाजिक कार्यकर्ता, डॉ रचना डेविड -कदम संस्था, प्रीति खरे -फ्राइडेस फ़ॉर फ्यूचर फ्यूचर, विपिन कोठारी -गोमांतिका परिसर सोसाइटी, आदिवासी सेवा मंडल से ज्योति पदम,शैलेष मर्सकोले- मप्र असंगठित कामगार समिति विवेक सक्सेना, रमेश वंजारी, प्रदीप उपाध्याय,डॉ दीपक त्रिपाठी, नारायण सिंह टेकाम, विवेक सक्सेना,अजय कुमार कतिया समाज ,दलविंदर सिंह -गुरुनानक दरबार,ऋषभ, सादिक अली-भोपाल टैक्सी यूनियन,भंवर सिंह मरकाम,अनुपम कुमार,प्रकाश पाटिल, सुनील राय, विवेक यादव, प्रनव कुमार,पुष्पा मरावी, आरुष कुमार आदि प्रमुख  पर्यावरण प्रेमियों ने बैठक बैठक में भाग लिया। भीम नगर के छात्रों और बच्चों ने भाग लिया।क्योंकि बच्चे अरेरा हिल्स में ही रहते हैं।

 

शरद सिंह कुमरे

सामाजिक कार्यकर्ता

पर्यावरण बचाओ आंदोलन

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