वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की योजना ''वयोश्रेष्ठ सम्मान''

   


    ''वयोश्रेष्ठ सम्मान'' राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक योजना है जो वर्ष 2005 में पहली बार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग) द्वारा आरंभ की गई थी तथा वर्ष 2013 में इसका स्तरोन्नयन वृद्धजनों विशेषकर निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण हेतु विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने का कार्य कर रही संस्थाओं और प्रख्यात नागरिकों को उनकी सेवा/उपलब्धियों के लिए सम्मान देने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कारों के दर्जे के रूप में किया गया था। इन पुरस्कारों को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (आईडीओपी) समारोह के भाग के रूप में 1 अक्तूबर को प्रदान किया जाता है। 


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि : वर्ष 1990 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प 45/106 के तहत 1 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में नामोदिष्ट किया गया था।  वर्ष 1991 में, महासभा ने संकल्प 46/91 के तहत वृद्धजनों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों को अपनाया था।  इन 18 सिद्धांतों में वृद्धजनों की स्थिति से संबंधित पांच समूह अर्थात् स्वतंत्रता, सहभागिता, देखभाल, आत्म-पूर्ति एवं सम्मान शामिल थे।  इन सिद्धांतों का उद्देश्य ''जीवन के प्राप्त वर्षों को सुखमय जीवन प्रदान करना है।  वर्ष 1992 में, महासभा ने संकल्प सं.47/5 वृद्धावस्था के बारे में उद्घोषणा का अंगीकार किया था एवं वर्ष 1999 को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन वर्ष के रूप में मनाने और ''सभी उम्र के लोगों के लिए एक समाज'' की अपनी विषय-वस्तु को बढ़ावा देना है। 


      इस विषय-वस्तु की संकल्पना ''सभी उम्र के लोगों के लिए एक समाज'' वर्ष 1995 में कोपेनहेगेन में ''विश्व सामाजिक विकास शिखर-सम्मेलन'' में अपनाई गई कार्य-योजना के मूल में थी।  सामाजिक एकीकरण का मूल उद्देश्य एक ऐसे समाज के निर्माण के रूप में माना गया था जिसमें ''प्रत्येक व्यक्तिको, अपने अधिकारों एवं जिम्मेवारियों के साथ, एक सक्रिय भूमिका निभानी है।  ''समावेशी समाज में वृद्धजनों'' को एकीकृत करते हुए, दृष्टिकोण बहु-पीढ़ीवादी एवं पूर्णतावादी था, ताकि पीढ़ियां एक दूसरे के विचारों एवं ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकें एवं उसका फल प्राप्त कर सकें, जो परस्परता एवं समता के युगम सिद्धांतों द्वारा निदेशित हो।''


      अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन वर्ष, 1999 के लिए अवधारणात्मक ढांचे में चार मुद्दे अर्थात् वृद्धजनों की स्थिति, व्यक्ति का आजीवन विकास, पीढ़ियों के बीच संबंध, वृद्धजनों की आबादी एवं विकास के बीच अंतर्संबंध थे।  1 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाने के निर्णय के अनुसरण में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, वृद्धजनों से संबंधित मामलों का नोडल मंत्रालय होने के नाते प्रत्येक वर्ष 1 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाता है। सक्रिय और सृजनशील वृद्धावस्था की संकल्पना को प्रोत्साहित करने के लिए इसे एक उपयुक्त अवसर मानते हुए वृद्धजनों, विशेषकर निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों के लिए उनकी सेवाओं के सम्मान में विख्यात वरिष्ठ नागरिकों तथा संस्थाओं को ''वयोश्रेष्ठ सम्मान'' से सम्मानित किए जाने का निर्णय वर्ष 2005 में लिया गया था।  वर्ष 2012 में वयोश्रेष्ठ सम्मान को राष्ट्रीय पुरस्कार का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया गया था तथा 18 जनवरी, 2013 को भारत के राजपत्र (असाधारण) में राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक योजना अधिसूचित की गई थी। 


इस पुरस्कार के उद्देश्य


       राष्ट्रीय पुरस्कार का आशय वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की चिंता तथा समाज तथा देश में उनके विधि सम्मत दर्जे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाना है।  इसका आशय युवा पीढ़ी को समाज और राष्ट्र के निर्माण में वृद्धजनों के योगदान को समझने का अवसर प्रदान करना भी है।  ये पुरस्कार वृद्धजनों, विशेषकर निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों के हितार्थ उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने में लगे विख्यात वरिष्ठ नागरिकों और संस्थाओं को प्रदान करने के लिए दिए जाते हैं।  पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं।  ये पुरस्कार देश के सभी भागों की संस्थाओं/संगठनों/व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं।  नामांकन, इस योजना में यथा उल्लिखित सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों से आमंत्रित किए जाते हैं।


पुरस्कार का ब्यौरा


 संस्थागत श्रेणी


 वृद्धावस्था के क्षेत्र में अनुसंधान हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्था


 वृद्धावस्था के क्षेत्र में अनुसंधान तथा ज्ञान के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य के रिकार्ड वाली संस्थाओं के लिए।  इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है। 



  1. वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने तथा जागरूकता सृजन के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्था


 वृद्धजनों, विशेषकर निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को सेवा प्रदान करने के रिकार्ड के लिए संस्थाओं को।  इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।



  1. वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ जिला पंचायत


 वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली जिला पंचायत को।  इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।



  1. वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने वाला सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय


 वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाला नगरपालिका निकाय।  इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।



  1. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 के कार्यान्वयन तथा वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं एवं सुविधाएं प्रदान करने वाला सर्वश्रेष्ठ राज्य


 इस अधिनियम के विभिन्न उपबंधों के कार्यान्वयन करने तथा भरण-पोषण के दावों के निपटान की उच्चतम प्रतिशतता अथवा वृद्धजनों के लिए सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में अग्रणी राज्य अथवा संघ राज्य क्षेत्र को।  इस पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जाता है। 



  1. वरिष्ठ नागरिकों के कुशल-क्षेम तथा कल्याण को प्रोत्साहित करने वाला सर्वश्रेष्ठ निजी क्षेत्र का संगठन


 वृद्धजनों को लाभप्रद रोजगार प्रदान करके अथवा समाज के लाभ हेतु उनके कौशलों और अनुभव का उपयोग करके अथवा जराचिकित्सा देखभाल में अवसंरचना सृजित करके अथवा समुदाय के रूप में वरिष्ठ नागरिकों के हित के लिए ऐसे ही कोई अन्य उपाय करके उनकी समस्याओं का समाधान करने वाले कारपोरेट घराने।  वरिष्ठ नागरिकों के लाभार्थ किए जाने वाले कार्यकलाप संगठन के मुख्य कार्यों से अलग होने चाहिए।  इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्नप्रदान किया जाता है।



  1. वरिष्ठ नागरिकों के कुशल क्षेम और कल्याण को प्रोत्साहित करने वाला सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक क्षेत्र का संगठन


 कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कार्यकलापों तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को सेवाएं प्रदान करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम।  इस पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्नप्रदान किया जाता है।


व्यक्तिगत श्रेणी


शतवर्षीय पुरस्कार


यह पुरस्कार उन ख्याति प्राप्त व्यक्तियों को दिया जाता है जिनकी आयु नब्बे वर्ष से अधिक होती है और जो अभी भी शारीरिक रूप से सक्रिय, आत्म-निर्भर हैं एवं समाज के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृतिचिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


 प्रतिष्ठित माता पुरस्कार


यह पुरस्कार उन वरिष्ठ महिला नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने जीवन की हरेक मुश्किल कठिनाई का सामना करते हुए, अपने बच्चों का पालन-पोषण किया और उनकी रूचि के क्षेत्र में श्रेष्ठ उपलब्धता हासिल करने में उनको सहयोग दिया। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


 आजीवन उपलब्धि पुरस्कार


यह पुरस्कार वरिष्ठ नागरिकों विशेषकर सत्तर वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने वृद्धजनों के कल्याण के क्षेत्र में कार्य किया है और इस क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


 ''सृजनात्मक कला पुरस्कार


यह पुरस्कार साहित्य, थियेटर, सिनेमा, संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, चित्रकारी आदि में योगदान देने के लिए राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त विजेताओं को दिया जाता है और जो अपनी वृद्धावस्था में भी अपने क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृतिचिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


 खेलकूद और साहसिक कार्य हेतु पुरस्कार (पुरुष और महिला प्रत्येक के लिए एक-एक)


यह पुरस्कार उन वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त की है और जो खेल-कूद तथा साहसिक कार्य के क्षेत्र में योगदान जारी रखे हुए हैं। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पुरस्कार, स्मृतिचिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


 शौर्य और बहादुरी पुरस्कार (पुरुष और महिला प्रत्येक के लिए एक-एक)


यह पुरस्कार उन वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने भयंकर खतरे का सामना करते हुए असाधारण साहस का परिचय दिया है। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और 2.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।


आमतौर पर, ये पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं। तथापि, यदि नामांकन प्रस्तुत करने के बाद किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसे मरणोपरांत पुरस्कार दिया जाता है।


 नामांकन करने के लिए सक्षम एजेंसियां/व्यक्ति


योजना के अनुसार, भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों और उनके स्वायत्त संगठनों, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों, पदम पुरस्कार, वयोश्रेष्ठ सम्मान और व्यक्तिगत तथा संस्थागत श्रेणियों में अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों को विगत में प्राप्त करने वाले विजेताओं, राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक परिषद के सदस्यों, प्रतिष्ठित शीर्ष चैम्बरों जैसेकि फिक्की, सीआईआई, एसोचैम, एनएएसएससीओएम, पीएचडीसीसीआई आदि जिनका ब्यौरा अनुबंध-'क' के पैरा 6 में दिया गया है, से नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।


 पुरस्कार प्रदान करना 


योजना के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति या भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 1 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष समारोह/उत्सव पर पुरस्कार दिए जाएंगे।


 


हमारा देश "वसुधैव कुटुम्बकम्" की संस्कृति वाला देश है । जो हमें प्रेरणा देता है, की वृद्धजनों की सेवा करना हमारा परम कर्तव्य है ।



  • थावरचंद गेहलोत


 


 


 


 


 


 


 


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