कैंसर की बीमारी की दशा में एल आई सी की आर्थिक सुरक्षा

दुनिया भर में 12% मौतों का कारण कैंसर है और इसकी घटनाओं में वृद्धि जारी है। हर साल 12.7 मिलियन लोगों को पता चलता है कि उन्हें कैंसर है और 7.6 मिलियन (59.84%) लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हो जाती है । सभी नए कैंसर के मामलों में 25-49 वर्ष की आयु वर्ग का 10% योगदान हैं, इस आयु वर्ग में महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दोगुने मामले हैं । सभी नए कैंसर मामलों के आधे से अधिक (53%) का योगदान 50-74 आयु वर्ग के जीवनों का है | तम्बाकू सेवन, शराब की बढ़ती खपत, प्रसंस्कृत भोजन का बढ़ता उपयोग, मोटापा, प्रदूषण के कारण पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति और बदलती जीवन शैली जैसे प्रमुख कारकों से कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है | 


भारत में वर्ष 2018 में कैंसर की वजह से हुई मौतों की संख्या 7.85 लाख थी | प्रतिवर्ष 11.57 लाख कैंसर के नये मामले पंजीकृत हो रहे हैं | हालांकि वास्तविक संख्या 1.5 से 2 गुना अधिक हो सकती है क्योंकि कैंसर के सभी मामले दर्ज नहीं हो पाते हैं | भारत जैसे देशों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं । जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और बुजुर्ग लोगों के अनुपात में वृद्धि के कारण अगले 15 वर्षों में कैंसर की घटनाओं में 100% से 180% की वृद्धि होने की संभावना है।


भारत में प्रारम्भिक स्तर (stage I और II ) के कैंसर मामलों का पता लगने की दर मात्र 20-30% है । परिणामस्वरूप भारत में मृत्यु दर चार से छह गुना अधिक हो जाती है । कैंसर के उपचार पर अनुमानित 3 से 4 लाख का खर्च आता है जो औसत भारतीय घरेलू आय से अधिक है इसलिए कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ उचित वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता है। भारत में कैंसर के इलाज का खर्च प्रभावित अंग और कैंसर के  चरण के आधार पर छह महीने के उपचार के लिए 2.5 लाख रूपए तक हो सकता है | निदान का कुल खर्च 20-30 लाख रूपए तक हो सकता है । 


कैंसर उपचार के लिए कीमोथेरेपी की लागत प्रति सत्र रू॰30000/- से 100000/- के बीच है । कैंसर के चरण के आधार पर न्यूनतम 6 चक्र कीमोथेरेपी की आवश्यकता होती है। कैंसर के उपचार के बाद भी देखभाल की महंगी लागत आती है। लंबे समय तक उपचार और प्रतिपूर्ति से मासिक आय में कमी आती है और परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इस तरह का खर्च पूरे परिवारों को घोर आर्थिक तंगहाली की ओर धकेल सकता है । 


भारत जैसे अधिक आबादी वाले देश में जहां कैंसर की बीमारी और इसके उपचार खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है, कैंसर के जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता में वृद्धि तो हुई है किन्तु कैंसर बीमा कवरेज बहुत ही कम है । तीन-चौथाई से अधिक कैंसर रोगी अपने इलाज के लिए स्वयं भुगतान करते हैं। कैंसर की आकस्मिक परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए एलआईसी ने विशेष कैंसर कवर योजना ( योजना क्र॰905 ) प्रस्तुत की है | जो एक व्यापक कैंसर बीमा योजना है जिसमें कैंसर के साथ आने वाली अनिश्चितता और वित्तीय तनाव के प्रबंधन के लिए एक निश्चित लाभ राशि के रूप में एक व्यापक सुरक्षा तंत्र प्रदान करती है। इस योजना में स्तर बीमित राशि और बीमित राशि में वृद्धि के लचीले लाभ विकल्प उपलब्ध हैं । 


यह पॉलिसी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से उपलब्ध है | ऑनलाइन पॉलिसी लेने पर प्रीमियम में 7% की छूट लागू है । इस योजना में 10 से 50 लाख तक की विस्तृत सुरक्षा मिलती है | 20 से 65 वर्ष की आयु वर्ग के महिला एवं पुरुष यह पॉलिसी ले सकते हैं | पॉलिसी 10 से 30 वर्ष की अवधि के लिए ली जा सकती है । यह पॉलिसी सरल बीमाकरण शर्तों पर एवं बिना किसी चिकित्सा परीक्षण या कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण के पेश की गई है |  


पॉलिसी के तहत निर्दिष्ट प्रारंभिक चरण कैंसर के निदान पर एकमुश्त लाभ के रूप में लागू बीमित राशि का 25% देय होगा एवं अगले तीन पॉलिसी वर्षों के लिए प्रीमियम भुगतान से छूट के हितलाभ मिल जाते हैं | 


वहीं निर्दिष्ट मेजर स्टेज कैंसर के पहले निदान पर लागू बीमित राशि का 100% भुगतान देय होगा ( एकमुश्त राशि अर्ली स्टेज कैंसर के संबंध में पहले से भुगतान किए गए दावा राशि को घटाकर ) ।  इस एकमुश्त लाभ के अलावा बीमित राशि का 1% का लाभ प्रत्येक माह देय होगा, जो कि अगले 10 वर्षों की एक निश्चित अवधि के लिए किया जाएगा भले ही बची हुई पॉलिसी अवधि 10 वर्षों से कम भी हो | इस आय लाभ को प्राप्त करते समय बीमित की मृत्यु के मामले में शेष भुगतान यदि कोई हो तो उसके नामांकित व्यक्ति को किया जाएगा।  मेजर स्टेज कैंसर की स्थिति में अगली पॉलिसी वर्षगांठ से भविष्य की सभी प्रीमियम माफ कर दी जाएंगी |


 














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