एलर्जिक राइनाइटिस का कारगर आयुर्वेदिक इलाज 

मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में चल रहा है निःशुल्क शिविर
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पद्मश्री वैद्य बालेन्दु प्रकाश द्वारा विकसित किया गया है 18 जड़ी बूटिओं और मण्डूर भस्म का फार्मुला 



आयुर्वेद की चिकित्सा के देरी से फायदा करने की प्रचलित अवधारणा को दरकिनार करते हुए मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं श्री सांई इस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एण्ड मेडिसिन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर मेें एलर्जिक राइनाइटिस रोग से वर्षो से पीडि़त 51 मरीजो ने आयुर्वेदिक दवा की पहली खुराक लेनेे के पहले पांच मिनट में ही फायदा शुरू होने की बात कही। आज लगभग 300 मरीज सुबह से ही एलर्जिक राइनाइटिस रोग के उपचार हेतु भाग लेने पहुंचे जहां पर अंतर्राष्ट्रीय मानको के अनुसार जांच करने पर 51 मरीजों में इस रोग के होने की पुष्टि हुई। इन मरीजो को विश्वविख्यात पद्मश्री सम्मानित द्वारा विकसित की गई दवा देश की एक अग्रणी आयुर्वेदिक कम्पनी द्वारा उपलब्ध करायी गयी। 
इन मरीजो को 17 समूहो में बांटकर इन महाविद्यालयों में पढने वाले छात्रों द्वारा आयुर्वेदिक औषधि दी गई। इन आयुर्वेदिक समूहो का संचालन कुमारी श्रद्धा, आयुषी, रागिनी, मोनिका, चेतना, दामिनी, खुशबू, कृृती, दीपा, योजना, रिषभ, फैजल, रोहित, शिवम, प्रांजली, विधी और नदीम ने किया। इन्होने प्रत्येक मरीज को आयुर्वेदिक दवा देने के बाद उसके प्रभाव को आकड़ा बद्ध किया जिससे पता चला कि जिसमें सभी मरीजो ने प्रथम 58 सेकण्ड से दो मिनिट के बीच में ही एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणो मे लाभ होने की बात कही। 
एलर्जिक राइनाइटिस एक विश्व व्यापी बीमारी है जो कि लगभग 25 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है। छींक, नाक एवं तालू, मेंं खुजली, नाक और आंख से पानी बहना, नांक का बन्द होना और आंखो मे लालिमा होना लक्षणो से युक्त रोग को अंतर्राष्ट्रीय मानको में एलर्जिक राइनाइटिक के निदान में जरूरी बताया गया है। 
शिविर में भाग लेने वाले चार वर्षीय आराध्या सोनी एवं सांत वर्षीय आदित्य सोनी को आयुर्वेदिक दवा लेने के मात्र 61 व 71 सेकण्ड मे छींक आने और नांक और आंख से पानी बहने में तुरंत पूरी तरह आराम मिल गया।  60 वर्षीय नंदूलाल लोवंसी लगभग 20 वर्षो से पीडि़त थे उनको छीकों में तथा नाक और आंख से पानी बहने में तुरंत आराम मिला। साथ ही आयुर्वेदिक महाविद्यालय में पढने वाली स्वाती ठाकुर को भी आयुर्वेदिक दवाई देेने के 90 सेकण्ड में तालु एवं नाक की खुजली मे तुरन्त आराम मिला उन्होने बताया कि पूर्व मे वो अंग्रेजी दवा लेती थी जिसका असर 1 घण्टो बाद शुरू होता था और उससे उनको दिनभर नींद आती थी। 
शिविर के बाद आयोजित हुई बैठक में कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग सिंह राजपूत ने उत्तराखण्ड से आये हुए पद्मश्री वैद्य बालेन्दु प्रकाश को सम्मानित किया। वैद्य बालेन्दु ने इस औषधि पर किये गये लगभग 25 वर्षीय अनुसंधान कार्यो की जानकारी दी। यह शिविर कल भी सुबह 9.00 बजे से चालू रहेगा इस शिविर का संयोजन मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की फाइनल इयर की छात्रा कु शिरीन फारूकी ने किया। 


डॉ. अनुराग सिंह राजपूत
प्राचार्य,
मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज
हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल


 


 


 


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