स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में  " दीदा: द वारियर क्वीन ऑफ़ कश्मीर" " पर चर्चा 

स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में आज शनिवार, 30 नवंबर, शाम को दीदा: द वारियर क्वीन ऑफ़ कश्मीर" के ऑथर आशीष कॉल के साथ चर्चा का आयोजन किया गया।  वॉइस एंड विज़न फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में श्री राकेश दीक्षित ऑथर आशीष कॉल से इस किताब के बारे में चर्चा की। इस आयोजन का सञ्चालन श्री राकेश दीक्षित ने किया | श्री राकेश दीक्षित ने सबसे पहले किताब का इंट्रोडक्शन दिया | यह किताब लगभग 212 पन्नों की है | यह भारत के इतिहास और कश्मीर के इतिहास पर आधारित है जिसकी पृष्टभूमि सं 958  से लेकर सं 1003 तक ही है | उन्होंने किताब को बहुत ही रोचक पाया | किताब का परिचय देते हुए आशीष ने बताया की भारत के इतिहास में औरत के हमेशा एक विशेष स्थान रहा है | उनका यह भी कहना था कि हमर सभ्यता विशेषकर प्राचीन सभ्यता में जितना सम्मान महिलाओं को मिलता था वह आज नहीं मिलता है यह एक विडंबना है | भारत को स्त्रिदेश भी कहा जाता था | प्राचीन भारत इतना विकसित था कि उसका अपना राशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम था, अपनी आयोजित सेना थी | इसके बाद उन्होंने कश्मीर के इतिहास पर रौशनी डाली |


               ऑथर आशीष कॉल ने  इस किताब के बारे में बताया कि भारत के इतिहास में रानी लक्ष्मी बाई के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन रानी दीदा की कहानी शायद बहुत काम लोग जानते हैं | लोहार की प्रिंस्ली स्टेट में जन्मी दीदा बचपन से ही दिव्यांग थी जिसके कारण उनके परिजनों ने भी उनको नकार दिया | उनका पालन पोषण उनकी नौकरानी द्वारा किया गया था|  शरीर से पूरी तरह सक्षम न भी होने के बावजूद उन्होंने युद्ध की कला सीखी | उन्होंने बहुत सारी खेल प्रतियोगिताओं में भी अपना लोहा मनवाया | कश्मीर के राजा क्षेमगुप्त से विवाह उपरान्त वह कश्मीर की रानी बनी और उनकी ज़िन्दगी ने एक नया मोढ़ लिया | न सिर्फ उन्होंने एक माँ, पत्नी और रानी होने का धर्म निभाया बल्कि उन्होंने उस समय की राजनीती में भी अहम किरदार निभाया |


श्री आशीष कॉल पिछले 24 सालो से मीडिया और एंटरटेनमेंट में कार्य कर रहें है | ऑथर आशीष कॉल कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बी ए किया है और आईआईएम लखनऊ से मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम भी किया है |  उन्होंने काइज़ेन बिज़नेस स्कूल से एम बी ए और वेलिंकेर से मीडिया और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा  किया है | वह फोकलोर एंटरटेनमेंट के संस्थापक एवं क्रिएटिव ऑफिसर हैं | अपने 24 सालों के करियर में वह विभिन्न पदों पर कार्येरत रहें जिनमे उल्लेखनीय हैं : सी ई ओ स्टारबलॉकबस्टर,  सी ई ओ ऑफ़ एसोसिएशन ऑफ़ मोशन पिक्चर्स एंड टी वी प्रोडूसर्स एसोसिएशन, सी ई ओ ऑफ़ प्रकाश झा प्रोडक्शंस।


 


यतीश भटेले


सहा. प्रबंधक


स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी, भोपाल


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