*गैस त्रासदी से उपजी स्थितियों का जीवंत चित्रण करती हैं "काली रात" की कहानियाँ*
भोपाल । विभोर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित वरिष्ठ साहित्यकार श्री बटुक चतुर्वेदी की गैस त्रासदी पर केन्द्रित कहानियों के संग्रह " काली रात" का लोकार्पण हिन्दी भवन में किया गया । आयोजन की अध्यक्षता करते हुए मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राम वल्लभ आचार्य ने कहा कि " काली रात की कहानियाँ गैस त्रासदी से उपजी स्थितियों का जीता जाग्रत चित्रण तो करती ही हैं मानवीय करुणा और संवेदना के साथ ही अवसरवादिता और भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति को भी उजागर करती हैं । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री जवाहर कर्नावट ने अपने उद्बोधन में कहा कि बटुक जी की कहानियाँ आनेवाली पीढ़ी को गैस त्रासदी की भयावहता से अवगत कराने में प्रमुख भूमिका निभायेंगी । कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि श्री युगेश शर्मा ने कहा कि इस संकलन की कहानियों के सामयिक संदर्भ प्रामाणिक हैं और अपनी सरल सहज कहन के कारण पाठकों को बाँधने में सफल हैं । "
काली रात" की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए श्री गोकुल सोनी ने कहा कि संकलन की कहानियाँ समग्र रूप से त्रासदी की विभीषिका को रेखांकित करती हैं । डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे ने कहा कि इस संग्रह की कहानियाँ विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी से जुड़ी घटनाओं का आँखों देखा विवरण प्रस्तुत करती हैं । विभोऱ प्रकाशन की संचालक कीर्ति श्रीवास्तव ने स्वागत उद्धबोधन दिया। इस अवसर पर बटुक चतुर्वेदी ने संकलन में शामिल "भेड़िये" नामक कहानी का पाठ किया । कार्यक्रम का कुशल संचालन अरविंद शर्मा ने किया तथा अंत में कैलाश चन्द्र जायसवाल ने आभार प्रदर्शन किया । कार्यक्रम के समापन पर गैसकाण्ड के मृतकों तथा हिन्दी भवन के मंत्री / संचालक कैलाशचन्द्र पन्त के बड़े भाई नरेन्द्र देव पंत के निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
सादर प्रकाशनार्थ -
कैलाशचन्द्र जायसवाल
प्रादेशिक मंत्री
मध्यप्रदेश लेखक संघ, भोपाल