12 सौ करोड़ की अवैध वसूली परिवहन चौकियों में

जांइंट एक्शन कमेटी ने पूछा, परिवहन माफियाओं पर कब होगी कार्यवाही 
लगाया आरोप, संतरी से लेकर मंत्री तक सबकी है मिलीभगत
16 को राजधानी में देंगे धरना



भोपाल, 14 दिस बर. म यप्रदेश की परिवहन चौकियों में प्रतिदिन 40 करोड़ और हर माह औसतन 12 सौ करोड़ रुपये की अवैध वसूली होती है. यह वसूली परिवहन चौकियों में नियुक्त सरकारी कर्मचारियों या फिर उनके द्वारा नियुक्त तत्वों के द्वारा की जाती है. इस अवैध वसूली में संतरी से लेकर मंत्री तक सबकी मिलीभगत है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में माफिया राज खत्म करने का संकल्प लिया है, हम पूछना चाहते हैं कि परिवहन चौकियों में बैठे इन सरकारी माफियों पर सरकार कब और क्या कार्यवाही करेगी. परिवहन व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की जांइंट एक्शन कमेटी ने शनिवार को
राजधानी में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में उक्ताशय के सवाल उठाए हैं. कमेटी के सदस्य परिवहन चौकियों में व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रति शासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए 16 दिस बर को राजघानी के नीलम पार्क में धरना देंगे. 
कमेटी ने यहां 5 दिन के लिए धरने की अनुमति मांगी थी लेकिन शासन द्वारा एक ही दिन की अनुमति दी गई है. पत्रकार वार्ता में जांइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, सहयोगी संस्था भाईचारा राजमार्ग परिवहन सेवा के संस्थापक नरेंद्र मिश्रा एवं भोपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता मौजूद थे. कमेटी के सदस्यों ने कहा कि परिवहन चौकियों में बैठे माफियाओं के खिलाफ अगर सरकार शीघ्र कदम नहीं उठाएगी तो वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे और वसूली में संलग्र और उन्हें संरक्षण देने वाले अघिककारियों और नेताओं के घर-घर जाकर प्रदर्शन करेंगे. कमेटी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में परिवहन चौकियों की बोली लग रही है और इस बारे में बार-बार अधिकारियों से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे इस अवैघ वसूली को बड़े स्तर पर संरक्षण मिलने की पुष्टि होती है. आंदोलन को विघायकों का भी समर्थन  पत्रकार वार्ता में बताया गया कि 16 तारीख को  धरने में शामिल होने के लिए मऊगंज के विघायक प्रदीप पटेल स्वयं आ रहे हैं. इसके अलावा कुछ  विघायकों ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में प्रश्न भी लगाए हैं, उम्मीद है  कि आने वाले विधानसभा सत्र में इन प्रश्नों के जवाब संबंघित अधिकारियों के  द्वारा दिए जाएंगे जिसके बाद आंदोलन के आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
अन्य प्रदेशों में बंद कर दी गई हैं परिवहन चौकियां
देश के उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में परिवहन चौकियों की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है लेकिन मध्यप्रदेश में यह कुप्रथा अब भी जारी है. जांइंट एक्शन कमेटी का कहना है कि इन परिवहन चौकियों में वाहनों की कोई जांच नहीं होती यहां सिर्फ वसूली होती है और यह पैसा शासन के खजाने नहीं बल्कि अधिकारियों और नेताओं की झोलियों में जाता है.
नौकरी छोड़ कर भाग रहे हैं ट्रक ड्रायवर
जांइंट एकंशन कमेटी का कहना है कि भ्रष्टाचार ने परिवहन व्यवसाय को इतना बर्बाद कर दिया है कि आज वाहन चलाने के लिए ड्रायवर नहीं मिल रहे हैं. इस संबंध में जब सर्वे किया गया तो यह बात सामने आई कि ड्रायवर के पेशे को लोग हेय दृष्टि से देखते हैं. जांच के नाम पर उन्हें ही बदसलूकी और वसूली का शिकार होना पड़ता है. इसलिए एक तो नए युवा इस जिल्लत भरे पेशे की ओर रूख नहीं कर रहे और जो लोग पहले से इस पेशे से जुड़े हुए हैं वे भी दूसरा काम मिलने पर नौकरी छोड़कर भाग जाते हैं. 
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राजधाानी के नीलम पार्क में ट्रांसपोर्टरों ने पांच दिन धरने की अनुमति मांगी थी लेकिन एक ही दिन की अनुमति मिली. भविष्य में यदि शासन का यही रूख कायम रहा तो आंदोलन के विस्तार के दूसरे तरीके अख्तियार किए जाएंगे. अवैध वसूली से जुड़े अधिकारियों के घर के सामने जाकर प्रदर्शन करेंगे, भोपाल बंद करेंगे, कुछ भी करेंगे लेकिन भ्रष्टाचार के आगे घुटने नहीं टेकेंगे. भ्रष्टाचार समाप्त करवाकर ही चैन लेंगे.
अशोक गुप्ता, अध्यक्ष, भोपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
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