कैथोलिक ईसाईयों ने अपने दिवंगत परिजनों को याद करते हुए ‘आल सोल्स डे’ मनाया




भोपाल कैथोलिक महाधर्मप्रांत के ईसाई विश्वासियों ने अपने मृत भाई बहनों को याद करते हुए को मृत विश्वासियों का दिवस मनाया। इस अवसर पर सुबह भदभदा में और संध्या को बैरागढ़ के कैथोलिक कब्रिस्तानों में आर्चबिशप लियो कोर्नेलियो और महाधर्मप्रांत के पुरोहितगणों के नेतृत्व में विशेष सामूहिक प्रार्थना सभाएं हुई। बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर अपने दिवंगत प्रियजनों के कब्रों को फूलों और पुष्पमालाओं से सजाया और मोमबत्तियां जलाकर प्रार्थना किया।  'आल सोल्स डे' के अवसर पर आर्चबिशप लियो कॅार्नेलियो ने पवित्र पूजन विधि के दौरान अपने उपदेश में कहा कि ''हम सभी जानते हैं कि मृत्यू हमारे जीवन का अंतिम सत्य है। आज हम यहां अपने मृत परिजनों, मित्रों, को याद करने जमा हुए है। तथापि उनकी मृत्यू, हमें पीड़ा पहुंचाने वाली थी, फिर भी हम यहां उन्हेें बड़ी आत्मीयता के साथ याद करने और उनकी आत्मशांति के लिए प्रार्थना करने आये हैं। प्रभु येषू ने स्वयं कहा है 'जीवन और पुनरूत्थान मैं हूं'। इस धरा के मानवों के पास अपने पापोें से पसश्चाताप और गलतियां सुधारने का मौका होता है, किंतु जो मृत्यू को प्राप्त हो चुके हैं, उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने का मौका नहीं होता । इसलिये हमें अपने दिवंगत प्रियजनों का स्मरण करते हुए उनके लिये प्रार्थना करना चाहिए और उनके नाम से धमार्थ, परोपकार के कार्य करना चाहिए। हमारी प्रार्थनाओं को सुन ईश्वर, उनके भूलों को अवश्य़ ही क्षमा कर देगा और उन्हें अनंत जीवन प्रदान करेगा।''जनसंपर्क अधिकारी फा. मारिया स्टीफन ने कहा कि ''हमारा कर्तव्य हैं, कि हम हमारे मृत पूर्वजों, परिजनों, मित्रों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिये अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें स्मरण रखें। कई लोग मृत्यू के नाम से यह सोचकर भयभीत होते हैं कि यह मानव जीवन का अंत है। किंतु आज का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि मृत्यू,   नवीन और अनंत जीवन का प्रारंभ मात्र है।''फा. एडवर्ड ने पर्व को भक्तिभाव से मनाने में विभिन्न लोगों के सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया।


 


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