* अंकुरित खाद्य अपनाए,स्वस्थ्य रहे *
-*सुशीला बिस्वास**
वर्तमान संमय में आज दूषित वातावरण, प्रदूषित पर्यावरण, के साथ बदलते सामाजिक परिवेश में फास्ट फूड एवं पैकिंग भोज्य पदार्थों के प्रति व्यक्ति के बढ़ते झुकाव से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव होना लाजमी है।और हम शारीरिक रूप से रोगों को उत्पन्न करने में सहायक बन जाते हैं।इससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
हम अंकुरित खाद्य (spaout food) सामान्य जीवन मे अपना कर स्वास्थ्य रह सकते है। अंकुरित खाद्य शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक संतुलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है अंकुरित केवल अन्नकण मात्र नहीं रह जाता बल्कि इसका स्वेतसार (starch) ग्लूकोज में एवं प्रोटीन एमीनो एसिड मे बदलकर सुपाच्य के साथ ही स्वास्थ्य एवं शक्ति वर्धक हो जाता है, इसलिए इसे पूर्व पचित(pre -digested) भोजन भी कहा गया है।
1.अंकुरित भोजन क्लोरोफिल, विटामिन,( ए, बी, सी, डी, और के) कैल्शियम फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्निशियम, आयरन आदि खनिजों का अच्छा स्रोत होता है ।
2.अंकुरित भोजन भूख बढ़ाने वाला,शरीर के जरिए तत्व निकालने वाला और मूत्र वर्धक होता है।
3. अंकुरित शारीरिक ताजगी और स्फूर्ति देता है और सुंदर, व रोगमुक्त रखता है।
4. अंकुरित शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का अच्छा स्रोत है यह शीघ्र और आसानी से शरीर द्वारा आत्मसात कर लिया जाता है।
5 अंकुरित कुशोषणता को दूर करता है। 6.अंकुरित भोजन गैस निरोधक एवं कब्जनाशक है।
7.अंकुरित शारीरिक रोगों को ठीक करने वाला भोजन है।
8.अंकुरित महंगे फल और सब्जियों की बजाय सस्ता है और आम इंसान के बजट के अनुकूल है।
9.अंकुरित एक पूर्ण एवं नवजीवन देने वाला है।कोई मिलावट नही शुद्ध होता है।
*क्या अंकुरित करे*
गेंहू,मूंग,मोठ,सोयाबीन,मूंगफली,मक्का,तिल, चना, अल्फाल्फा,अन्य दाले,बीज इत्यादि...
*अंकुरित करने की विधि*
सुखा अनाज, दाल या बीज इत्यादि जो भी अंकुरित करना हो उसे धोकर बर्तन में पानी में भिगो दें, फिर 12 घंटे बाद पानी से निकालकर कपड़े इत्यादि में इस तरह रखें कि उन्हें नमी और हवा मिलती रहे। इसके 12 घंटे से 30 घंटे (भिन्न भिन्न खाद्यानुसार) के बीच अंकुर फूटना (germination) शुरू हो जाएगा । लीजिये तैयार है ।इस अवस्था में इसे पानी मे धो कर प्रयोग करें।
*अंकुरित कैसे खायें*
1. अंकुरित कच्चा अपक्व बिना नमक इत्यादि के ही प्रयोग करना उत्तम है।
2. एक दलीय अंकुरित (गेहूं ,बाजरा ,ज्वार, मक्का, इत्यादि के) साथ मीठा खाद्य (खजूर, किशमिश, मुनक्का,शहद, इत्यादि) एवं फल लिए जा सकते हैं।
3.दो दलीयअंकुरित (चना ,मूंग, मोठ, मटर, मूंगफली, सोयाबीन, इत्यादि )के साथ टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, हरे पत्ते पुदीना, धनिया,सलाद पत्ता, नींबू का मिश्रण एवं चुटकी भर काला या सिंधा नमक डालने पर बहुत ही स्वादिष्ट व स्वास्थ्यप्रद होता है।
4. शिशु ,बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए अंकुरित को या उपरोक्त मिश्रण को पीस कर लप्सी बनाले एवं धीरे-धीरे चटाई या खिलाए। 5.अंकुरित को कच्चा ही खाए क्योंकि पका कर खाने में उसके पोषक तत्वों की मात्रा और गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
सुशीला बिस्वास
योगाचार्य एवं प्राकृतिक चिकित्सक
निदेशक,योग सेवा संस्थान,
न्यू जनकपुरी, नईदिल्ली।